हरियाणा महिला आयोग की उपाध्यक्ष सोनिया अग्रवाल ने सेक्टर 51 थाने का किया औचक निरीक्षण
- उपाध्यक्ष ने थाने में शिकायतों की सुनवाई कर पुलिस अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने के दिए निर्देश
आयोग महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए है कृत संकल्प : सोनिया अग्रवाल
गुरूग्राम, 08 जुलाई। हरियाणा महिला आयोग की उपाध्यक्ष सोनिया अग्रवाल ने सोमवार को गुरूग्राम के सेक्टर 51 स्थित महिला थाने का औचक निरीक्षण कर, महिला थाने में शिकायत लेकर पहुंची महिला शिकायतकर्ताओं की फरियाद सुनते हुए थाना प्रबंधक गीता को मामलों में संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करने व निरीक्षण के दौरान जो खामियां मिली उन्हें तुरंत एक्शन लेते हुए दुरस्त करने के निर्देश दिए। इस दौरान एसीपी डॉ कविता भी मौजूद रहे।
उपाध्यक्ष सोनिया अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा महिला आयोग महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि महिलाओं से जुड़े जो भी मुद्दे सरकार तक पहुंचाने की बात आती है, तो आयोग के माध्यम सरकार से उसे पूरा करने की सिफारिश की जाती है। उपाध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं के साथ होने वाले किसी भी प्रकार के अत्याचार और उत्पीड़न करने वाले व्यक्तियों को बख्शा नहीं जाएगा। महिला आयोग के द्वारा इसकी कड़ी निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से काम कर रहे हरियाणा महिला आयोग के प्रयासों से आज हरियाणा प्रदेश में महिलाएं किसी भी अत्याचार का मुकाबला करने के लिए पूर्णतः सक्षम है।
उपाध्यक्ष ने अपने औचक निरीक्षण में शिकायत लेकर पहुंची महिला शिकायतकर्ताओं से बातचीत करते हुए उनके मामलों में सुलह भी करवाई। एक मामले में सुनवाई करते हुए उन्होंने
सेक्टर 47 से आई शिकायत के संबंध में पति को निर्देश दिए कि वह अपनी पत्नी के अधिकारों का सम्मान करते हुए उसके भरण पोषण का उचित ख्याल रखे। दोनों के बीच विवाद चल रहा है व पुलिस द्वारा मध्यस्थता की जा रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा महिला आयोग राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर जागरूकता अभियान चलाए हुए हैं। आयोग द्वारा प्रदेश के प्रत्येक जिला में महिलाओं की शिकायतों पर सुनवाई की जाती है तथा हर मामले में निष्पक्ष एवं प्रभावी कार्रवाई करने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग की ओर से महिलाओं को आश्वस्त किया जाता है कि वे समाज का एक ताकतवर हिस्सा हैं और किसी भी रूप में कमजोर नहीं है। हमारे संविधान में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके उत्पीडऩ को रोकने के लिए पर्याप्त अधिकार दिए गए हैं।